Mlajpur bhoot mela Madhya Pradesh | Guru Baba Sahib Malajpur Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से करीब 28 KM दूर चिचोली के एक गाँव मलाजपुर में हर साल मकरसंक्रांति के बाद आने वाली वाली पौष मास की पूर्णिमा पर एक माह के लिए भूतों का मेला लगता है। जिन्हे भी प्रेत-बाधा, मानसिक बीमारी, निसंतान दंपति और कई प्रकार के बीमारी से पीड़ित लोग यहाँ इलाज करवाने आते हैं।
लोगों का मानना है कि सन 1770 में गुरु साहब बाबा नाम के एक संत ने यहाँ जीवित समाधि ली थी। कहा जाता है कि गुरु बाबा चमत्कारी थे और भूत-प्रेत को वश में कर लेते थें। लोगों का विश्वास है कि यहाँ आ कर भूत-प्रेत शरीर छोड़कर भाग जाते हैं। मेले में आने वाले भूत-प्रेत के साये से प्रभावित लोग समाधि स्थल का उल्टी परिक्रमा लगाते हैं। इसके बाद उन लोगों के शरीर में अजीब हलचल पैदा हो जाती है। भूत-प्रेत प्रभावित लोगों के हाथ जंजीर से बंधे होते हैं और पैरों में बेड़िया होती हैं।

यहाँ के पूजारी लाल जी यादव बूरी छाया से प्रभावित लोगों के बाल पकड़ कर जोर से खिचते हैं। पूजारी लाल जी यादव कई बार झाडा भी लगते हैं। मान्यता है कि जो पीड़ित ठीक हो जाती हैं उन्हे गुड से तौल जाता है। कहा जाता है कि यहाँ इतनी मात्र गुड जमा होने के बाद भी माखियाँ और चीटियाँ नहीं दिखाई देती हैं। यहाँ के लोग इसे गुरु साहब बाबा का चमत्कार मानते हैं। बाबा के समाधि कि परिक्रमा करने से पहलके स्नान करना पड़ता है और मान्यता के अनुसार भूत-प्रेत बाधा के शिकार आदमी जैसे-जैसे परिक्रमा करता है वो वैसे-वैसे प्रेत बाधा से मुक्त होता जाता है।

Guru Baba Sahib Malajpur Madhya Pradesh
इस भूत मेले की आरती कि खास बात यह है कि यहाँ के कुत्ते भी आरती में शामिल हो कर शंख के ध्वनि में अपनी आवाज मिलाते हैं। इसको ले कर पूजारी कहते हैं कि यह बाबा साहब का आशीर्वाद है। इस मेले कि यह भी मान्यता है कि पीड़ित व्यक्ति के शरीर में समाया प्रेत बाबा के समाधि का एक-दो चक्कर लगाने के बाद अपने आप प्रेत पीड़ित व्यक्ति के शरीर से निकल कर पास के बरगद के पेड़ पर उल्टा लटक जाता है। बाद में उसकी आत्मा के मुक्ति मिल जाती है। यहाँ कि विशेष बात यह हैं कि वर्तमान महंत को छोड़ को बाबा साहब के हर-एक उत्तराधिकारी ने बाबा सब का अनुसरण करते हुए जीवित समाधि लिया है।
गुरु बाबा साहब के समाधि तक कैसे पहुंचे?
गुरु बाबा साहब समाधि स्थल मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से करीब 28 KM दूर चिचोली गाँव में स्थित है। यहाँ पहुंचने का रास्ता बहुत आसान है बैतूल जिले से NH 46 के रास्ते होते हुए गुरु बाबा साहब समाधि स्थल तक पहुंचा जा सकता है।